🕉️ सावन का महीना पवित्र क्यों माना जाता है और इस बार सावन कब से शुरू हो रहा है?
🟢 प्रस्तावना
भारत में जब बारिश की फुहारें पड़ती हैं और धरती की खुशबू से वातावरण महक उठता है, तब एक विशेष महीना आता है — सावन का महीना। यह सिर्फ एक मौसम नहीं होता, बल्कि भावनाओं, भक्ति, और आस्था से जुड़ा समय होता है। गाँव हो या शहर, हर जगह शिव भक्ति की गूंज सुनाई देती है, लोग कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं, व्रत-उपवास करते हैं, और शिव मंदिरों में भीड़ लगती है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर सावन का महीना इतना पवित्र क्यों माना जाता है? और 2025 में सावन कब से शुरू हो रहा है? आइए, इस लेख में आम भाषा में विस्तार से जानते हैं।
🌿 सावन क्या है?
सावन, हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का पाँचवाँ महीना होता है, जो श्रावण मास के नाम से भी जाना जाता है। यह महीना खासकर भगवान शिवजी को समर्पित होता है। इस महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने, रुद्राभिषेक करने और व्रत रखने का विशेष महत्व होता है।
इस महीने में:
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हर सोमवार को श्रावण सोमवार व्रत रखा जाता है।
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श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर जाते हैं।
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महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं।
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हरियाली तीज और नाग पंचमी जैसे त्योहार भी मनाए जाते हैं।
🔱 सावन का धार्मिक महत्व
1. भगवान शिव का प्रिय मास
कहा जाता है कि श्रावण मास स्वयं भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। पुराणों के अनुसार, इस मास में पूजा-पाठ करने से शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं।
2. समुद्र मंथन और विषपान
पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया था, तब सबसे पहले कालकूट विष निकला था। इस विष से पूरी सृष्टि नष्ट हो सकती थी। तब भगवान शिव ने वह विष पी लिया और उसे अपने कंठ में रोक लिया, जिससे उनका गला नीला हो गया। इसी कारण वे नीलकंठ कहलाए।
कहते हैं, यह घटना सावन के महीने में ही हुई थी, इसलिए यह महीना शिव भक्ति के लिए बहुत खास माना गया।
3. व्रत और संयम का महीना
सावन में उपवास, ब्रह्मचर्य, संयम और सादगी को विशेष महत्व दिया जाता है। शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए यह एक आध्यात्मिक अभ्यास बन जाता है।
📅 2025 में सावन कब से शुरू हो रहा है?
2025 में सावन मास की शुरुआत 10 जुलाई, गुरुवार से हो रही है और समाप्ति 8 अगस्त, शुक्रवार को होगी।
इस बार खास बात यह है कि 2025 में श्रावण का महीना 4 सोमवारों वाला रहेगा, जो इस प्रकार हैं:
दिनांक | दिन | विशेष अवसर |
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14 जुलाई | सोमवार | पहला श्रावण सोमवार व्रत |
21 जुलाई | सोमवार | दूसरा श्रावण सोमवार |
28 जुलाई | सोमवार | तीसरा श्रावण सोमवार |
4 अगस्त | सोमवार | चौथा और अंतिम श्रावण सोमवार |
🙏 सावन के विशेष पर्व
1. हरियाली तीज (17 जुलाई 2025)
यह त्योहार विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इसमें महिलाएं झूला झूलती हैं, मेंहदी लगाती हैं और सुंदर परिधान पहनकर पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं।
2. नाग पंचमी (22 जुलाई 2025)
इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। शिवजी के गले में भी नाग होते हैं, इसलिए सावन में इनकी पूजा का भी महत्व है।
3. रक्षाबंधन (8 अगस्त 2025)
इस दिन भाई-बहन का प्रेम मनाया जाता है। रक्षाबंधन सावन के अंतिम दिनों में आता है।
🧘 सावन और आयुर्वेद
सावन में वातावरण में नमी होती है, जिससे पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है। इसलिए आयुर्वेद के अनुसार, इस महीने हल्का और सात्विक भोजन करना चाहिए।
क्या खाएं:
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फल और सलाद
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मूंग दाल और खिचड़ी
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तुलसी का सेवन
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गर्म पानी पीना
क्या ना खाएं:
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तला-भुना खाना
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दही और भारी दूध वाले पदार्थ
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अधिक मांसाहारी भोजन
🕯️ सावन सोमवार व्रत कैसे करें?
श्रद्धा और नियम से व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। व्रत की विधि:
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सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
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साफ वस्त्र पहनें और शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र चढ़ाएं।
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“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
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सोमवार को उपवास रखें – केवल फलाहार करें।
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शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें।
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संध्या को दीपक जलाकर आरती करें।
🚶 कांवड़ यात्रा का महत्व
हर साल लाखों श्रद्धालु हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख आदि स्थानों से गंगाजल लाकर अपने गांव-शहर के शिव मंदिर में चढ़ाते हैं। इसे कांवड़ यात्रा कहा जाता है।
क्यों करते हैं कांवड़ यात्रा?
कहा जाता है कि भगवान शिव को गंगा जल बहुत प्रिय है। सावन में गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
💚 सावन का सांस्कृतिक पहलू
सावन केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव भी है:
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लोकगीतों की गूंज
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झूले और मेंहदी का आनंद
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तीज-त्योहारों की रौनक
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हरियाली से भरपूर वातावरण
गाँव में तो सावन में हर घर से गीत-संगीत की आवाजें आती हैं —
“काहे को ब्याही बिदेस, सजनवा…”
👉करवा चौथ व्रत की सम्पूर्ण जानकारी | Karwa Chauth 2025
🔔 सावन में बरतने योग्य सावधानियां
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बारिश के कारण मच्छरों और बीमारियों का खतरा रहता है।
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गीले कपड़े पहनकर बैठने से बचे।
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बारिश का पानी ज्यादा न पिएं, उबालकर ही उपयोग करें।
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संयमित भोजन करें, ज्यादा तले-भुने चीज़ें न खाएं।
🌺 सावन और महिलाएं
इस महीने में महिलाएं खासकर व्रत, श्रृंगार और पूजा में भाग लेती हैं। विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं।
📜 निष्कर्ष
सावन का महीना केवल एक धार्मिक महीना नहीं है, बल्कि यह शुद्धता, भक्ति, प्रेम और परंपरा का संगम है। यह महीना हमें सिखाता है कि कैसे शरीर और मन को संयमित करके ईश्वर की भक्ति की जाए।
इस बार 2025 में जब सावन आए, तो आप भी इस पावन माह में भक्ति से भर जाएं और शिवजी की कृपा पाएं। "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें, और अपने जीवन को सकारात्मकता से भरें।
📌 FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q. क्या सावन में शादी करना शुभ होता है?
👉 सामान्यतः सावन में विवाह नहीं किए जाते, क्योंकि यह महीना तपस्या और संयम का होता है।
Q. सावन सोमवार का व्रत कौन-कौन रख सकता है?
👉 स्त्री-पुरुष, विवाहित या अविवाहित सभी यह व्रत रख सकते हैं।
Q. क्या सावन में व्रत के दौरान चाय पी सकते हैं?
👉 अगर स्वास्थ्य अनुमति देता है, तो बिना दूध वाली हर्बल चाय ली जा सकती है।
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