🪔 गठिया (Arthritis) का आयुर्वेदिक इलाज – एक प्राकृतिक दृष्टिकोण गठिया , जिसे आयुर्वेद में "संधिवात" कहा जाता है, एक सामान्य लेकिन कष्टदायक स्थिति है जिसमें जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न होती है। यह रोग आमतौर पर उम्र बढ़ने, वात दोष की अधिकता, गलत खानपान और जीवनशैली के कारण उत्पन्न होता है। आयुर्वेद में इसे वातजन्य रोगों की श्रेणी में रखा गया है। 🌿 आयुर्वेदिक कारण और समझ आयुर्वेद के अनुसार, गठिया (Arthritis) मुख्यतः वात दोष के असंतुलन के कारण उत्पन्न होता है। तीनों दोषों — वात, पित्त और कफ — में से वात सबसे अधिक गतिशील और संवेदनशील होता है, जो हड्डियों, जोड़ों और स्नायुओं की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करता है। जब वात दोष शरीर में अत्यधिक बढ़ जाता है, तो यह शरीर के सूक्ष्म नाड़ियों और संधियों (joints) में शुष्कता और जकड़न उत्पन्न करता है। यह शुष्कता धीरे-धीरे सूजन, अकड़न और दर्द का रूप ले लेती है। वात दोष बढ़ने के प्रमुख कारणों में अत्यधिक ठंडी चीज़ों का सेवन, देर रात जागना, भोजन में अनियमितता, मानसिक तनाव, और भारी व शुष्क भोजन शामिल हैं। जब ये कारक लगातार बने रहते ह...
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