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उल्टी होने पर क्या करें? कारण, घरेलू इलाज और रोकने के आसान उपाय

उल्टी होने पर क्या करें? कारण, घरेलू इलाज और रोकने के आसान उपाय 🔶 उल्टी क्या है? उल्टी (Vomiting) शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जब पेट में मौजूद असंतुलित या हानिकारक पदार्थ को शरीर बाहर निकालता है। यह खुद में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि किसी अंदरूनी परेशानी या संक्रमण का लक्षण हो सकती है। 🔶 उल्टी के संभावित कारण कारण विवरण 1️⃣ खराब खाना बासी या विषाक्त भोजन उल्टी की बड़ी वजह हो सकता है। 2️⃣ पेट का इंफेक्शन वायरल, बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण से उल्टी होती है। 3️⃣ एसिडिटी या गैस अम्लपित्त के कारण भी उल्टी की इच्छा होती है। 4️⃣ गर्भावस्था पहले 3 महीने में Morning Sickness के रूप में उल्टी आना सामान्य है। 5️⃣ माइग्रेन सिरदर्द के साथ उल्टी आ सकती है। 6️⃣ अधिक गर्मी या लू लगना शरीर का तापमान बढ़ने से उल्टी होने लगती है। 7️⃣ सफर के दौरान कार या बस यात्रा में Motion Sickness की वजह से। 8️⃣ अत्यधिक दवा सेवन खासकर Antibiotics या Painkillers का साइड इफेक्ट। 🔶 उल्टी होने पर तुरंत क्या करें? खाली पेट न रहें – थोड़ी मात्रा में सूखा टोस्ट, बि...

Acidity: पेट की गैस के घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे

Acidity: आज की सबसे आम पेट की बीमारी और इसका 100% आयुर्वेदिक समाधान आज के समय में पेट की जलन, गैस बनना, डकार आना और भोजन के बाद भारीपन जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। इनमें सबसे प्रमुख समस्या है एसिडिटी (Acidity) । आइए विस्तार से जानें कि यह क्या है, क्यों होती है, और कैसे इसका आयुर्वेदिक समाधान संभव है। एसिडिटी क्या होती है? पेट की गैस का इलाज, एसिडिटी एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट में बनने वाला हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) अधिक मात्रा में बनने लगता है और वह आहार नली में पहुंचकर जलन, डकार और दर्द पैदा करता है। यह पाचन प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है। एसिडिटी के मुख्य कारण मसालेदार, ऑयली खाना भोजन का समय तय न होना भोजन के तुरंत बाद सोना ज्यादा चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स धूम्रपान और शराब तनाव और नींद की कमी एसिडिटी के सामान्य लक्षण पेट या सीने में जलन खट्टी डकारें गले में सूजन या जलन पेट फूलना और भारीपन उल्टी जैसा महसूस होना आयुर्वेद में एसिडिटी को कैसे समझा गया है? आयुर्वेद में एसिडिटी को ‘अम्लपित्त’ कहा गया है। यह तब होता है जब पित्त दोष बढ़...

गठिया (Arthritis) का आयुर्वेदिक इलाज – एक प्राकृतिक दृष्टिकोण

  🪔 गठिया (Arthritis) का आयुर्वेदिक इलाज – एक प्राकृतिक दृष्टिकोण गठिया , जिसे आयुर्वेद में "संधिवात" कहा जाता है, एक सामान्य लेकिन कष्टदायक स्थिति है जिसमें जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न होती है। यह रोग आमतौर पर उम्र बढ़ने, वात दोष की अधिकता, गलत खानपान और जीवनशैली के कारण उत्पन्न होता है। आयुर्वेद में इसे वातजन्य रोगों की श्रेणी में रखा गया है। 🌿 आयुर्वेदिक कारण और समझ आयुर्वेद के अनुसार, गठिया (Arthritis) मुख्यतः वात दोष के असंतुलन के कारण उत्पन्न होता है। तीनों दोषों — वात, पित्त और कफ — में से वात सबसे अधिक गतिशील और संवेदनशील होता है, जो हड्डियों, जोड़ों और स्नायुओं की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करता है। जब वात दोष शरीर में अत्यधिक बढ़ जाता है, तो यह शरीर के सूक्ष्म नाड़ियों और संधियों (joints) में शुष्कता और जकड़न उत्पन्न करता है।  यह शुष्कता धीरे-धीरे सूजन, अकड़न और दर्द का रूप ले लेती है। वात दोष बढ़ने के प्रमुख कारणों में अत्यधिक ठंडी चीज़ों का सेवन, देर रात जागना, भोजन में अनियमितता, मानसिक तनाव, और भारी व शुष्क भोजन शामिल हैं। जब ये कारक लगातार बने रहते ह...