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पथरी (Kidney Stone) क्या होती है, कैसे और क्यों होती है?

 पथरी (Kidney Stone) क्या होती है, कैसे होती है और क्यों होती है?

पथरी (Kidney Stone) क्या होती है, कैसे  और क्यों होती है?



🔷 पथरी क्या होती है?

पथरी (Kidney Stone या Renal Calculi) एक कठोर खनिज और लवण की जमावट होती है जो मूत्र प्रणाली में बनती है। ये आमतौर पर किडनी में बनती है, लेकिन मूत्राशय, मूत्रनली या मूत्रवाहिनी में भी हो सकती है।

पथरी अलग-अलग आकार की हो सकती है — कुछ रेत के कण जितनी छोटी होती हैं और कुछ मटर या उससे बड़ी।


🔷 पथरी कैसे बनती है? (Pathari Kaise Hoti Hai)

पथरी तब बनती है जब मूत्र में कुछ खनिज (जैसे कैल्शियम, ऑक्जेलेट, यूरिक एसिड) की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है और ये शरीर से बाहर न निकलकर एक-दूसरे से चिपकने लगते हैं। समय के साथ ये खनिज क्रिस्टल के रूप में जमते जाते हैं और धीरे-धीरे एक कठोर पथरी का रूप ले लेते हैं।


बिलकुल, आइए विस्तार से समझते हैं कि "पथरी क्यों होती है? (Pathari Kyo Hoti Hai)" – इसके वैज्ञानिक कारण, खान-पान की गलतियाँ, शरीर की स्थिति, और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से भी।


🟨 पथरी क्यों होती है? (Pathari Kyo Hoti Hai) – विस्तृत जानकारी


🔷 1. शरीर में पानी की कमी (Dehydration)

जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते, तो मूत्र केंद्रित हो जाता है। यह गाढ़ा मूत्र खनिजों और नमक को घोल नहीं पाता, जिससे वे आपस में चिपकने लगते हैं और क्रिस्टल बन जाते हैं — यही क्रिस्टल बाद में पथरी में बदल जाते हैं।

👉 विशेष रूप से गर्मी में कम पानी पीने वाले लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं।


🔷 2. गलत खान-पान (Unhealthy Diet)

  • अधिक नमक (Salt): सोडियम यूरिन में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा देता है, जिससे कैल्शियम स्टोन बनने लगते हैं।

  • अधिक प्रोटीन: रेड मीट, अंडा, मछली आदि से यूरिक एसिड अधिक बनता है, जिससे पथरी की संभावना बढ़ जाती है।

  • ऑक्जेलेट युक्त चीजें: पालक, चाय, चॉकलेट, मूंगफली आदि में ऑक्जेलेट अधिक होता है, जो कैल्शियम से मिलकर पथरी बनाता है।

  • फास्ट फूड व डिब्बाबंद भोजन: इनमें प्रिजर्वेटिव्स और नमक अधिक होता है।


🔷 3. अनुवांशिक कारण (Genetic Factors)

यदि आपके माता-पिता या परिवार के किसी सदस्य को पथरी रही हो, तो आपको इसका खतरा अधिक होता है। कुछ लोगों का शरीर ही अधिक खनिज बनाता है, जो पथरी का कारण बनते हैं।


🔷 4. मेटाबोलिक समस्याएं (Metabolic Disorders)

  • Hyperparathyroidism: शरीर में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है।

  • Gout (गठिया): इसमें यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है जिससे यूरिक एसिड पथरी बनती है।

  • Obesity (मोटापा): मोटे लोगों को इंसुलिन रेजिस्टेंस और यूरिन pH असंतुलन होता है, जिससे पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है।


🔷 5. पाचन तंत्र की बीमारियाँ (Digestive Disorders)

  • IBD, Crohn’s disease, chronic diarrhea: ये बीमारियाँ आंतों में कैल्शियम और ऑक्जेलेट के अवशोषण को प्रभावित करती हैं, जिससे ये मूत्र में अधिक मात्रा में पहुँचते हैं और पथरी बनाते हैं।


🔷 6. कुछ दवाइयों का सेवन (Certain Medications)

  • कैल्शियम सप्लिमेंट्स

  • विटामिन D की अधिक खुराक

  • मूत्रवर्धक दवाएँ (Diuretics)

  • एंटासिड में मौजूद कैल्शियम
    इनका अधिक प्रयोग पथरी की आशंका को बढ़ाता है।


🔷 7. पेशाब रोकना (Holding Urine Frequently)

बार-बार पेशाब रोकने से मूत्र में मौजूद खनिजों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिलता, जिससे ये धीरे-धीरे जमा होकर पथरी का निर्माण कर सकते हैं।


🔷 8. शारीरिक निष्क्रियता (Lack of Physical Activity)

जो लोग ज़्यादा देर तक बैठे रहते हैं या कोई एक्सरसाइज नहीं करते, उनके शरीर में कैल्शियम हड्डियों से मूत्र में अधिक मात्रा में निकलता है। यह स्थिति पथरी बनने में सहायक होती है।


🔷 9. आयुर्वेदिक कारण (Ayurvedic View): वात-पित्त-कफ का असंतुलन

  • पथरी का संबंध विशेष रूप से पित्त विकार और मूत्राशय की अग्नि से माना गया है।

  • पित्त के तेज़ होने से मूत्र में तेज़ी आ जाती है, जो शरीर के रस-धातु को सुखाकर पथरी का कारण बनती है।

  • वात दोष के कारण पेशाब के रास्तों में सूखापन व रुकावट आती है।


बिलकुल! आइए विस्तार से जानते हैं —

🔷 पथरी के प्रकार (Types of Kidney Stones in Hindi)

पथरी केवल एक ही तरह की नहीं होती, बल्कि इसके कई प्रकार होते हैं, जो उनके रासायनिक घटकों के आधार पर तय किए जाते हैं। हर प्रकार की पथरी की पहचान, कारण और उपचार अलग होता है।


🟢 1. कैल्शियम ऑक्जेलेट पथरी (Calcium Oxalate Stones)

सबसे आम प्रकार की पथरी – करीब 70-80% केस में यही पाई जाती है।

🔸 बनने का कारण:

  • ऑक्जेलेट युक्त चीजें जैसे पालक, चाय, चॉकलेट

  • विटामिन C की अधिकता

  • कम पानी पीना

  • अधिक नमक व प्रोटीन खाना

🔸 रोकथाम के उपाय:

  • ऑक्जेलेट युक्त आहार सीमित करें

  • अधिक मात्रा में पानी पिएँ

  • नींबू पानी और नारियल पानी लाभकारी


🟡 2. कैल्शियम फॉस्फेट पथरी (Calcium Phosphate Stones)

✅ यह भी कैल्शियम से ही बनती है लेकिन ऑक्जेलेट की जगह फॉस्फेट के साथ मिलती है।

🔸 बनने का कारण:

  • मूत्र में अधिक क्षारीयता (alkaline urine)

  • हाइपरपैराथायरॉइडिज्म

  • यूटीआई (पेशाब का संक्रमण)

🔸 रोकथाम:

  • पानी ज़्यादा पीना

  • एल्कलाइन डाइट को संतुलित रखना

  • पथरी टेस्ट द्वारा सही कारण जानना जरूरी


🔴 3. यूरिक एसिड पथरी (Uric Acid Stones)

यह तब बनती है जब यूरिन में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है।

🔸 बनने का कारण:

  • रेड मीट, मछली, शराब अधिक

  • अधिक प्रोटीन वाली डाइट

  • गठिया (Gout) रोग

  • शरीर में पानी की कमी

🔸 रोकथाम:

  • यूरिन को क्षारीय बनाए रखने वाली डाइट लें

  • नींबू पानी और कम प्रोटीन डाइट

  • यूरिक एसिड को कंट्रोल करना


🔵 4. स्ट्रुवाइट पथरी (Struvite Stones)

✅ यह पथरी अक्सर महिलाओं में होती है और मूत्र संक्रमण (UTI) से बनती है।

🔸 बनने का कारण:

  • बार-बार यूटीआई होना

  • मूत्र में बैक्टीरिया के कारण अमोनिया का बढ़ जाना

  • लंबी बीमारी या बिस्तर पर रहना

🔸 रोकथाम:

  • संक्रमण का समय पर इलाज

  • एंटीबायोटिक्स लेना

  • पेशाब को कभी न रोकना


🟣 5. सिस्टीन पथरी (Cystine Stones)

✅ यह एक दुर्लभ और आनुवंशिक प्रकार की पथरी है।

🔸 बनने का कारण:

  • Cystinuria नामक अनुवांशिक विकार, जिसमें मूत्र में सिस्टीन नामक अमीनो एसिड की अधिकता होती है।

  • यह पथरी बचपन से भी हो सकती है।

🔸 रोकथाम:

  • खूब पानी पिएँ

  • मूत्र को पतला रखने की कोशिश करें

  • डॉक्टर की सलाह पर विशेष दवाएँ


🔷 पथरी के लक्षण (Kidney Stone Symptoms in Hindi)

जब शरीर में पथरी छोटी होती है, तो कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन जैसे-जैसे पथरी बड़ी होती है या मूत्रमार्ग में चलती है, वैसे-वैसे इसके लक्षण तेज़ और असहनीय हो सकते हैं।


🔴 1. तेज़ और तीव्र दर्द (Severe Pain)

  • यह सबसे आम और प्रमुख लक्षण है।

  • दर्द आमतौर पर कमर, पीठ के एक ओर, पेट के निचले हिस्से या जांघ तक फैलता है।

  • दर्द एकदम अचानक शुरू होता है और बहुत तीव्र होता है।

  • इसे renal colic कहा जाता है।

📍 दर्द की लोकेशन पथरी की स्थिति पर निर्भर करती है – किडनी, मूत्रनली या मूत्राशय में।


🔴 2. पेशाब में जलन (Burning Sensation During Urination)

  • पेशाब करते समय तेज जलन महसूस होती है।

  • यह पथरी के मूत्रमार्ग को खुरचने या सूजन पैदा करने के कारण होता है।


🔴 3. बार-बार पेशाब आना (Frequent Urination)

  • खासकर जब पथरी मूत्राशय के पास पहुंचती है, तब बार-बार पेशाब आने की ज़रूरत महसूस होती है।

  • कभी-कभी पेशाब बहुत कम मात्रा में होता है।


🔴 4. पेशाब में खून आना (Blood in Urine)

  • पेशाब का रंग गुलाबी, लाल या भूरा हो सकता है।

  • यह तब होता है जब पथरी मूत्र नली को नुकसान पहुंचाती है।

📍 इस लक्षण को चिकित्सा भाषा में “Hematuria” कहा जाता है।


🔴 5. मतली और उल्टी (Nausea and Vomiting)

  • दर्द के कारण या मूत्र प्रणाली से जुड़ी तंत्रिकाओं की उत्तेजना के कारण हो सकता है।

  • यह किडनी और पेट की नसों के संपर्क के कारण होता है।


🔴 6. बुखार और ठंड लगना (Fever and Chills)

  • यह संकेत देता है कि मूत्र प्रणाली में संक्रमण हो गया है।

  • यह स्थिति आपातकालीन इलाज की मांग करती है।


🔴 7. पेशाब में बदबू (Foul-Smelling or Cloudy Urine)

  • अगर पेशाब से तेज़ बदबू आ रही है या वह धुंधली (cloudy) दिखती है, तो यह संक्रमण या पथरी का संकेत हो सकता है।


🔴 8. पेशाब रुक जाना या रुक-रुक कर आना

  • अगर पथरी मूत्रमार्ग को ब्लॉक कर दे, तो पेशाब रुक सकता है या मुश्किल से आता है।


📌 पथरी के लक्षण किस पर निर्भर करते हैं?

  • पथरी की आकार पर

  • पथरी की स्थिति (Location) – किडनी, यूरीटर, ब्लैडर

  • संक्रमण की मौजूदगी

  • मूत्र मार्ग में रुकावट के स्तर पर


 निष्कर्ष (Conclusion):

पथरी के लक्षण दर्द से लेकर पेशाब की समस्याओं तक हो सकते हैं। अगर ऊपर बताए गए लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
जल्दी इलाज से ऑपरेशन की ज़रूरत टाली जा सकती है।


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